ISRO का SpaDEx PSLV-C60 मिशन: अंतरिक्ष में 'डॉकिंग' तकनीक का परीक्षण

Jan 2, 2025

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ISRO ने 1 जनवरी को अपने SpaDEx मिशन को लॉन्च कर दिया है। इस मिशन के तहत दो छोटे अंतरिक्ष यान, चेज़र और टार्गेट, को PSLV-C60 रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया है।

ISRO का SpaDEx PSLV-C60 मिशन: अंतरिक्ष में 'डॉकिंग' तकनीक का परीक्षण

भारत के लिए एक महत्वपूर्ण पल आने वाला है, जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 1 जनवरी को अपने SpaDEx मिशन को लॉन्च कर दिया है। इस मिशन के तहत दो छोटे अंतरिक्ष यान, चेज़र और टार्गेट, को PSLV-C60 रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया है। यदि यह मिशन सफल होता है, तो भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जो अंतरिक्ष में 'डॉकिंग' तकनीक में दक्ष है। 

मिशन का उद्देश्य और महत्व

ISRO के SpaDEx मिशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यानों के डॉकिंग और अंडॉकिंग की तकनीक को साबित करना है। इसमें 'चेज़र' और 'टार्गेट' नामक दो छोटे अंतरिक्ष यान होंगे। चेज़र यान में एक उच्च रिज़ॉल्यूशन वाला कैमरा होगा, जबकि टार्गेट यान में दो पेलोड्स होंगे, जो उच्च गुणवत्ता वाली छवियां प्राप्त करने और प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी करने में मदद करेंगे।

यह मिशन केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों की सफलता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अगर SpaDEx मिशन सफल होता है, तो इससे भारत को चंद्रयान-4, अपने अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर भारतीय लैंडिंग जैसे महत्वाकांक्षी अभियानों के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। 

मिशन की विशेषताएँ और संचालन

मिशन के तहत, PSLV-C60 रॉकेट चेज़र और टार्गेट यान को 476 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक वृत्ताकार कक्षा में स्थापित करेगा। इसके बाद, दोनों यान अंतरिक्ष में डॉकिंग और अंडॉकिंग की प्रक्रिया का परीक्षण करेंगे। इस मिशन में पहले सप्ताह के दौरान एक महत्वपूर्ण स्पेस डॉकिंग प्रयोग (SPADEX) किया जाएगा। यह प्रयोग अंतरिक्ष यानों के बीच सुरक्षित कनेक्शन स्थापित करने और उन्हें अलग करने की तकनीक पर आधारित होगा। डॉकिंग का मतलब है दो अंतरिक्ष यानों का आपस में जुड़ना, जबकि अंडॉकिंग का मतलब है दोनों यानों का अलग होना। इस प्रक्रिया का परीक्षण भारत को अंतरिक्ष में और अधिक आत्मनिर्भर बनाएगा, खासकर जब यह अन्य अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण होगा, जैसे चंद्रमा से नमूने लाना और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) की स्थापना। 

POEM-4 और इसके तहत किए जाने वाले प्रयोग

ISRO के PSLV-C60 मिशन के अंतर्गत, POEM-4 (PSLV Orbital Experimental Module-4) के तहत कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए जाएंगे। POEM एक आईएसआरओ का प्रयोगात्मक मिशन है, जिसमें PS4 स्टेज को प्लेटफ़ॉर्म के रूप में उपयोग किया जाता है। इस मिशन के तहत PSLV-C60 रॉकेट 24 पेलोड्स लेकर जाएगा। इन पेलोड्स का उद्देश्य विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी परीक्षणों को पूरा करना है। इन प्रयोगों में पृथ्वी पर पर्यावरणीय निगरानी, संचार तकनीक, और अंतरिक्ष के अन्य पहलुओं से संबंधित अनुसंधान कार्य किए जाएंगे। इन प्रयोगों के सफलतापूर्वक पूरा होने से भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमताओं में और वृद्धि होगी। 

भारत का अंतरिक्ष में भविष्य 

SpaDEx मिशन भारत को अंतरिक्ष में एक नई दिशा दिखाएगा। यदि यह मिशन सफल होता है, तो इससे भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में अपनी स्थिति और मजबूत होगी। भारत के लिए यह मिशन अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे भविष्य में अंतरिक्ष में होने वाले और भी अधिक जटिल अभियानों की सफलता का रास्ता खोला जाएगा। 

साथ ही, यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को विश्व के अग्रणी अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएगा। चंद्रयान-4, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर लैंडिंग जैसी परियोजनाओं को सफल बनाने के लिए स्पेस डॉकिंग तकनीक का महारत हासिल करना जरूरी है, और SpaDEx मिशन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ISRO का SpaDEx मिशन न केवल भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों को नए आयाम देगा, बल्कि यह भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एक ऐतिहासिक कदम भी साबित होगा। भारत के लिए यह मिशन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल अंतरिक्ष विज्ञान में विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि आने वाले अंतरिक्ष अभियानों की सफलता के लिए आधार तैयार करेगा।

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